आस
मौसम पलट-दर- पलट बदलते गए,
लोग जुड़ते
गए , बिछुड़ते गए।
काफिला साथ , सफर
फिर
भी
तन्हा ,
मिलने की
आस... देते
भी
रहे,
और चलते
भी
गए।
वहीँ उसी राह
पर ,
टक -टकी लगाए खड़ा हूँ,
टक -टकी लगाए खड़ा हूँ,
शायद ... फिर
से ,
वही मौसम
पलटे और हम,
फिर से,
फिर से,
साथ चलते रहें ।