Friday, January 19, 2018

खौफ

एक सकूँ है 
तेरी परछायी में भी। 

हाथ तेरा सर पर है ,
तो जी जाऊँगा

तेरी एक मुस्कान से 
मैं भी ,
हँस पाऊँगा

हर शाम के जाने का डर लगता है,
क्यों कि ,
तेरा अक्स  सिर्फ़
शाम तक ही दिखता है।