Monday, June 25, 2018



शिक्षक -विद्यार्थी सम्बन्ध 

एक शिक्षक अपने समाज की नींव  भरने में बहुत बड़ा योगदान देता है। अपने शिक्षकों के साथ विद्यार्थी का सम्बन्ध कैसा हो यह पूर्णतः शिक्षक के पर निर्भर करता है। प्रायः कई बार शिक्षक का पढ़ाया हुआ विद्यार्थियों को बहुत ही सरलता से समझ जाता है या शिक्षक अपने विनम्र स्वभाव के कारण विद्यार्थियों के बीच एक अलग जगह बना लेता है। विद्यार्थियों के बीच वह शिक्षक इतना लोकप्रिय हो जाता है कि उसका कहा कोई भी विद्यार्थी अनसुना कर ही नहीं पाता। कुछ गुरु-शिष्य सम्बन्ध तो आजीवन बने रहते हैं। कुछ ऐसा ही  चेन्नई के वेलिग्राम गवर्नमेंट स्कूल के अंग्रेजी टीचर के बारे में पढ़ने को मिला। अंग्रेजी के अध्यापक भगवान के तबादला होने पर उनके विद्यार्थियों ने रो-रो कर उन्हें  अपने विद्यालय से जाने से रोकने की कोशिश की। प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग से शिक्षक को अपने स्कूल में ही बने रहने का आग्रह किया है। आजकल इस प्रकार का प्रेम लगाव कम ही सुनने देखने को मिलता है। एक शिक्षक को अपने वद्यार्थियों से मिला प्रेम सम्मान सभी मिलने वाले अन्य सम्मान से सर्वोपिर है। ईमानदारी,निष्ठा,लगन प्रेम पूर्वक ज्ञान को अगली पीढ़ी तक देना ही एक सच्चे अध्यापक का लक्ष्य होता है। आज हमारे देश में ऐसे ही अध्यापकों की आवश्यकता है।
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