अभिमान और स्वाभिमान दो मूल
कारण हैं जो किसी भी व्यक्ति को आत्महत्या के
लिए उकसाते हैं। यह कहना कि स्त्रियां इस प्रकार के कदम
ज्यादा उठाती हैं कुछ हद तक सही है क्यों कि जब अभिमान में मद-मस्त कोई
भी व्यक्ति स्त्री के स्वाभिमान पर प्रहार करता है तब एक स्त्री
अंदर तक खंडित हो जाती है। अपने मान-सम्मान पर लगी ठेस के कारण वह टूट जाती है। लोग क्या कहेंगे व समाज का उनके प्रति रवैया आदि कुछ ऐसे कारण हैं जो किसी भी स्त्री या व्यक्ति
विशेष को इस गलत रास्ते की ओर धकेलते हैं। बहुदा स्त्री विशेष के कोमल स्वभाव के कारण किसी
भी स्तिथि का स्त्री के मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।परिवार व समाज की अवहेलना के कारण ही
इस प्रकार की घटनाएं घटित होती हैं। मेरा मानना है कि परिवार में आरम्भ से ही लड़कियों को अगर उचित सम्मान ,प्यार ,प्रशंसा, विपरीत परिस्थितयों में भी
पारिवार के साथ व विश्वास का आशवासन मिलता
रहे तो वह किसी भी स्थिति का डट कर सामना कर सकती हैं तथा कभी भी आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाएगी। क्यों कि कोई भी स्त्री अगर पुष्प की तरह कोमल है तो वहीँ दूसरी तरफ वह
दुर्गा बन किसी भी परिस्थिति का सामना डट कर सकती है बशर्ते परिवार व
समाज उसका हाथ मजबूती से पकड़ ले।
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NBT Dtimes 26September2018 |
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PRCHY 7/10/18 |
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VDT 9/10/18 |
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HH-12/10/18,Pg-34 |