बेबसी
नींद नहीं आँखों में मेरी,
वो ख्वाब
कहाँ से लाऊँ
संग नहीं कोई याद तेरी,
वो दिल
कहाँ से लाऊँ
एक पल में बीत गयी सब,
वो वक़्त
कहाँ से लाऊं
जन्नत करे नसीब तुझे,
वो खुदा
कहाँ से लाऊँ
सूख गयी डाली अब ये,
इसके फल
कहाँ से लाऊँ
तिनका-तिनका भी
दुःख मिले तुझे न,
अब वो दुआएं
कहाँ से लाऊँ !