रंग
ख़ुशियाँ भर दे अंग-अंग में।
ख़ुशियाँ उड़तीं यहाँ-वहाँ,
इन सतरंगी रंगों में।
दिल का बस...
एक ये ही रंग,
एक ये ही रंग,
बीते जीवन संग-संग में।
फूल खिल गये आ गयी बहार,
क्यों न संग मनायें,
हम तुम,
सतरंगी रंगों का ये त्योहार!