निर्भया
केस
के
बाद
कानूनी
नियमों में
हुए
बदलाव के
तहत
जज
ने
अपना
फैसला सुनाया
और
आसाराम
को
सजा
हुई।
न्याय
की
जीत
हुई।
लोगों
के
अन्धविश्वास
के
कारण ही
आसाराम
जैसे लोगों
को
बढ़ावा
मिलता
है।
लड़की
ने
सभी
परिस्थितियों
के
खिलाफ
जाकर बड़ी
बहादुरी
के
साथ
अन्याय
के
खिलाफ
आवाज
उठायी
तथा इन
सभी
प्रक्रियाओं
से
जूझते
हुए
पीड़िता
व
उसके
परिवार
ने
भी
पिछले
पाँच
सालों
में काफी
संयम
का
परिचय
दिया। इस
फैसले
के
आने
से
आम
जनता
का एक
बार
फिर
से
न्यायपालिका
में
विश्वास
मजबूत
हुआ
है।
अत्यधिक
आत्मविश्वास ढोंगियों
का
ढोंग
साबित
हुआ।
लेकिन
लोगों
को
भी
जागरूक
होने तथा
इन
बाबाओं
के
जाल
में
फंसने
से बचने
की
जरूरत
है।
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