एक बार भले इंसानों की सेना में कुछ दुष्ट इंसान भी शामिल हो गए।अब इनका कैसे पता लगाया जाए।तब राजा को एक युक्ति सूझी। राजा ने अपने लोगों से विचार मंत्रणा की।अचानक भले लोगों के राजा ने घोषणा की कि सामने मैदान में लगी कुर्सियों के आगे सब एक-एक कर खड़े हो जाएँ।जो लोग दुष्ट हैं वो खड़े रहें बाक़ी सब बैठ जायें।थोड़ी देर में ही आधे से ज़्यादा कुर्सियाँ भर गयीं।राजा ने कहा जो लोग बैठें हैं उन्हें सुरक्षित जगह ले जाया जाए और जो खड़े हैं उन्हें मेरे दरबार में लाया जाए।बैठे हुए सभी लोगों को कर्नाटक पहुँचा दिया गया और खड़े लोग राजा के साथ आगे की योजना बना रहे हैं। राजा की समझदारी पर सभी एक-दूसरे का मुँह देख रहे हैं ।