ईश्वर के रूप में इस धरती पर बेजान शरीर में भी जो जान डाल दे वो मसीहा है डॉक्टर यानी भगवान का दूसरा रूप। डॉक्टर आजकल हड़ताल पर हैं और इसकी भेंट में कई जानें चढ़ चुकी हैं। पढ़कर बहुत दुःख हुआ कि इंसान इतना कठोर हो गया है। अपनी जिम्मेदारी व सही - गलत की पहचान भी खो रहा है। दया भाव व बुद्धिमानी से निर्णय ले पाने की क्षमता ही इंसान को अन्य जीव-जंतुओं से अलग करती है। जीवन दान का विशेषाधिकार सिर्फ डॉक्टर को मिला है। कभी-कभी डॉक्टर अपने इलाज से या अपनी जुबान से भी मरीज के जीवन में चमत्कार कर देते हैं। निजी स्वार्थ को परे कर अपेक्षा है कि लोगों की पीड़ा व रुदन को अनसुना न करते हुए तथा अपनी अन्तरात्मा को सुनते हुए एक डॉक्टर का यही प्रण हो कि वह लोगों के बेरंग होने वाले जीवन में अपनी सामर्थय अनुसार रंग भर देगा और लोगों की दुआओं से अपनी झोली भर लेगा।
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Thursday, January 17, 2019
डॉक्टर
ईश्वर के रूप में इस धरती पर बेजान शरीर में भी जो जान डाल दे वो मसीहा है डॉक्टर यानी भगवान का दूसरा रूप। डॉक्टर आजकल हड़ताल पर हैं और इसकी भेंट में कई जानें चढ़ चुकी हैं। पढ़कर बहुत दुःख हुआ कि इंसान इतना कठोर हो गया है। अपनी जिम्मेदारी व सही - गलत की पहचान भी खो रहा है। दया भाव व बुद्धिमानी से निर्णय ले पाने की क्षमता ही इंसान को अन्य जीव-जंतुओं से अलग करती है। जीवन दान का विशेषाधिकार सिर्फ डॉक्टर को मिला है। कभी-कभी डॉक्टर अपने इलाज से या अपनी जुबान से भी मरीज के जीवन में चमत्कार कर देते हैं। निजी स्वार्थ को परे कर अपेक्षा है कि लोगों की पीड़ा व रुदन को अनसुना न करते हुए तथा अपनी अन्तरात्मा को सुनते हुए एक डॉक्टर का यही प्रण हो कि वह लोगों के बेरंग होने वाले जीवन में अपनी सामर्थय अनुसार रंग भर देगा और लोगों की दुआओं से अपनी झोली भर लेगा।