Wednesday, January 16, 2019

सेरोगेसी

किसी भी दंपत्ति के जीवन में संतान के न होने से सब कुछ होते हुए भी एक खालीपन सा रहता है। पति-पत्नी दोनों ही गहरे अवसाद में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। सेरोगेसी की मदद से कई दम्पत्तियों को संतान सुख का अनुभव हुआ व उनका जीवन खुशियों से भर गया। सभी पहलूओं को देखते हुए सेरोगेसी कानून तो बनना ही चाहिए लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए इससे दोनों ही पक्षों में से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न हो तथा इस प्रकार जन्म लेने वाले बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रहे। कानून बनने से इसके कमर्शलाइजेशन पर भी लगाम लगेगी।  कुछ पुरुषों ने इस प्रकार से अपना परिवार बनाने का प्रयास तो किया है लेकिन इनके बच्चे माँ की लोरी, गोद व माँ के निश्छल प्रेम जो भगवान की अनमोल देन है उस अहसास से जीवन भर वंचित ही रहते हैं।इस प्रकार की व्यवस्था विवाह जैसी परम्परा पर भी प्रश्नचिन्ह लगाती है।


NBT 16/01/18